ओ शोणित बहा सहिद भ’ गेल

ओ शोणित बहा सहिद भ’ गेल
माय बगिया लेने बौवाक बाट तकैत छली ।
ओ छटपटा छटपटाक’ प्राण तेज देल
माय देहाइर पर नयन बिछेने बैसल छली ।
ओ हँसैत हँसैत देशलेल गोलि खेलक
माय सिहरैत सिहरैत रस्ता तकैत रहली ।
ओ नयनमे देशक सपना सजेने चैल गेल
माय सपनाके कहियो पूरा होइत नै देखलि ।।
ओ शोणित बहा सहिद भ’ गेल
माय बगिया लेने बौवाक बाट तकैत छली ।
माय कनैत छली, माय बजैत छली
दुलरुवा हम्मर अमर भ’गेल ।
हम्मर नयनाके सहादत पर देश खो नै रे भ्रष्टाचारी, लुटेरासब
माय कुहरैत छली माय कुहकैत छली कहै छली देशके प्रेम कर
प्रेम कर अप्पना माटि- पानीके रे चोरबा दगाबज, घेटरेतबासब
ओ सरापैत छली, वो गरियबैत छली बस्स कहैत छली देशके प्रेम कर।
नेता सुहुन ओकरा सभ साल याद करैत रहल
मायके तरसल नयन स नोर झहरैत रहल।
ओ सुहुन माला लगा लगा क सेल्फी लैत रहल
करेजमे मायके ओ भोकैत रहल ।।
सत सत नमन!!
– गायत्री मिश्र
(उपाध्यक्ष, नेपाल पत्रकार महांसघ, प्रदेस-२ )